Samrat ashok biography hindi me
सम्राट अशोक का जीवन परिचय Samrat Ashok Life History Hindi
क्या आप Samrat Ashok सम्राट अशोक के इतिहास और पराक्रम को जानना चाहते हैं?
क्या आप जानना चाहते हैं अशोक मौर्य को अशोका महान ( Ashoka the Great )क्यों कहा जाता है?
Samrat Ashok प्राचीन भारत में मौर्य राजवंश का चक्रवर्ती रजा था । उसका पूरा नाम अशोक मौर्य था और उसके निडर और दृढ़ता के लिए वह अशोक महान के नाम से पुकारा जाता है।
अशोक अपने राजवंश का तीसरा राज करने वाले महान राजा था जिसने लगभग भारत के सभी महाद्वीपों पर राज किया। विश्व के कई देशों में भगवान बुद्ध(Buddha) के विचारों को लोगों तक पहुँचाने और बौद्ध धर्म का जोर शोर से प्रचार करने के कारण उसका नाम पुरे विश्व भर में प्रसिद्द है।
अशोक नें बाल्य काल से ही यह निश्चय कर लिया था कि वह अपने साम्राज्य को और भी ज्यादा विस्तृत करेंगे और अंत के समय वह इस कार्य को करने में सफल भी हुआ।
सम्राट अशोक का जीवन परिचय Samrat Ashok Step History Hindi
सम्राट अशोक की कहानी
जीवन के उत्तरार्ध में अशोक तथागत बुद्ध (सिद्धार्थ गौतम) की मानवतावादी शिक्षाओं से प्रभावित होकर बौद्ध(Buddhist) हो गये और उन्ही की स्मृति मे उन्होने एक स्तम्भ खड़ा कर दिया जो आज भी नेपाल में उनके जन्मस्थल, लुम्बिनी मे मायादेवी मन्दिर के पास अशोक स्तम्भ के रुप मे देखा जा सकता है। उसने बौद्ध धर्म का प्रचार भारत के अलावा श्रीलंका, अफ़ग़ानिस्तान, पश्चिम एशिया, मिस्र तथा यूनान में भी करवाया।
कलिंग राज्य (Kalinga) जो की आज के दिन में ओडिशा (Odisha) है, अशोक ने जब आक्रमण किया और जब उसने उस युद्ध के महा प्रकोप और विनाश को देखा तो उसका मन पिघल गया और ह्रदय परिवर्तन हो गया। अशोक का जीवन काल भारत इतिहास का बहुत ही गौरवशाली समय कहा जाता है।
सम्राट अशोक का बचपन और प्रारंभिक जीवन Samrat Ashoka’s Childhood and Early Life revere Hindi
अशोक का जन्म 304 इसा पूर्व(B.C) , पाटलिपुत्र (Patliputra) में हुआ था, जो कि आज के दिन पटना (Patna) है। अशोक मौर्य सम्राट मौर्या राजवंश के दुसरे रजा बिन्दुसार तथा रानी धर्मा का पुत्र था। लंका की परम्परा के अनुसार बिंदुसार की 16 पटरानियाँ और 101 पुत्र थे। पुत्रों में केवल तीन के नाम ही उल्लेख हैं, वे हैं – सुसीम जो सबसे बड़ा था, अशोक और तिष्य।
राजवंश परिवार के होने के कारण, सम्राट अशोक युद्ध में बचपन से ही निपूर्ण थे। साथ ही वे तलवारबाजी, शिकार में भी बहुत निपूर्ण थे। कहा जाता है उनमे इतना बल था कि वह एक लकड़ी के छड़ी से ही एक सिंह को मार डालने कि क्षमता रखता था।
सम्राट अशोक का शासनकाल Ascendancy of Samrat Ashoka in Hindi
- महान सम्राट अशोक को एक निडर, परन्तु बहुत ही बेरहम राजा माना जाता है। उन्हें अवन्ती प्रान्त में हुए दंगों को रोकने के लिए प्रतिनियुक्त किया गया था। उज्जैन में विद्रोह को दबाने के बाद 286 ईसा पूर्व में उनको अवंती प्रांत के वायसराय नियुक्त किया गया।
- पिता बिन्दुसार नें अशोक को उनके उत्तराधिकारी बेटे सुसीम को एक विद्रोह दमन में मदद मिल सके। इसमें अशोक सफल भी हुआ और उसे इसी कारण वह तक्सिला का वाइसराय भी बना।
- 272 इसा पूर्व में अशोक के पिता बिन्दुसार की मृत्यु हुई, उसके पश्चात दो वर्ष तक अशोक और उसके सौतेले भाइयों के बिच घमासान युद्ध चला। दो बौद्ध ग्रन्थ; दिपवासना और महावासना के अनुसार, अशोक नें सिंहासन पर कब्ज़ा करने के लिए अपने 99 भाइयों को मार गिराया और मात्र विटअशोक को बक्श दिया।
- उसी समय 272 इसा पूर्व में अशोक सिंहासन तो चढ़ा, परन्तु उसका राजभिषेक 269 इसा पूर्व में हुआ और वह मौर्य साम्राज्य का तीसरा सम्राट बना।
- अपने शाशन काल के दौरान वह अपने साम्राज्य को भारत के सभी उपमहाद्वीपों तक बढ़ने के लिए लगातार 8 वर्षों तक युद्ध करते रहे।
- कृष्ण गोदावरी के घाटी, दक्षिण में मैसूर में भी उसने कब्ज़ा कर लिया परन्तु तमिल नाडू, केरल और श्रीलंका पर नहीं कर सका।
- कलिंग पर खुनी जंग में Lakh सैनिक और लोगों की मृत्यु हुई। इतनी बड़ी संख्या में लोगों की मृत्यु के बाद सम्राट अशोक के मन में बदलाव आगया और उसने कसम खाई कि वह जीवन में और कभी युद्ध नहीं करेगा।
- उस घटना के बाद सम्राट अशोक नें शांति का मार्ग चुना और पुरे विश्व भर में बौद्ध धर्म और विचारों का जोर-शोर से प्रचार किया। Samrat Ashok नें अफगानिस्तान, सीरिया, पर्शिया, ग्रीस, इटली, थाईलैंड, वियतनाम, नेपाल, भूटान, मंगोलिया, चाइना, कंबोडिया, लाओस और बर्मा में भी बौद्ध धर्म का प्रचार किया।
कलिंग युद्ध Kalinga War in Hindi
अशोक महान नें अपने राज्य को विस्तृत करने के लिए, 261 इसा पूर्व में कलिंग प्रदेश पर आक्रमण किया और वह सफल भी हुआ। इस युद्ध में हुए तबाही/विनाश को देखने के बाद अशोक के मन को बहुत ठेस पहुंचा। लोगो के घरों को टूटते, छोटे बच्चों कि मृत्यु को देखते समय और अपने परिवार के लोगों से अलग होते देख सम्राट अशोका का हृदय परिवर्तन हो गया।
सम्राट अशोक की उपलब्धियाँ Achievements of Samrat Ashok in Hindi
- कहा जाता है दक्षिण एशिया और मध्य एशिया में सम्राट अशोक नें भगवान बुद्ध के अवशेषों को संग्रह करके रखने के लिए कुल 84000 स्तूप बनवाएं।
- उसके “अशोक चक्र” जिसको धर्म का चक्र भी कहा जाता था, आज के भारत के तिरंगा के मध्य में मौजूद है।
- मौर्य साम्राज्य के सभी बॉर्डर में 40-50 फीट ऊँचा. अशोक स्तम्भ अशोक द्वारा स्थापित किया गया है।
- अशोक नें चार आगे पीछे एक साथ खड़े सिंह का मूर्ति(Lion Capital of Samrat Ashoka) भी बनवाया था जो की आज के दिन भारत का राजकीय प्रतिक हैं। आप इस मूर्ति को भारत के सारनाथ मुसियम में देख सकते हैं।
Some Points on Samrat Ashok Personal Being and Legacy सम्राट अशोक से व्यक्तिगत जीवन और विरासत से जुड़ीं कुछ बातें
- अपने भाइयों की शत्रुता से जब सम्राट अशोक दूर रहे तब उन्हें रानी कौर्वकी से प्रेम हुआ और आखिर में उन्होंने विवाह भी किया।
- जब उज्जैन में वह अपने जख्मों को इलाज करा रहे थेतो उनकी मुलाकात, विदिशा की “विदिशा महादेवी साक्या कुमारी” से हुई, जिनसे Samrat Ashok नें विवाह किया। बाद में उनके दो बच्चे भी हुए महेंद्र और बेटी संघमित्रा जिन्होंने बाद में अशोक को बौद्ध धर्म का प्रचार करने में बहुत मदद किया सीलोन(Ceylon) में जो की आज के दिन श्रीलंका के नाम से जाना जाता है।
- सम्राट अशोक नें पुरे विश्वभर में लोगो को बौद्ध दर्म के प्रति प्रेरित किया।
- उनकी मृत्यु 232 इसा पूर्व में 72 वर्ष कि उम्र में एक शांति और कृपालु रजा के रूप में हुई।
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